जी बहुत शुक्रिया वास्तविकता है उसे ही लिखा बहुत कम उम्र में अपनी जवान विधवा माँ को जूझते व हालात पर काबू पाते देखा उनके संघर्ष ने मुझ में भी न्याय व प्रेम को अहम समझने में बहुत सहयोग किया
कुछ समाज को लौटाया कर्मों से कुछ लिख कर आशा की ज्योति जलाने को प्रयासरत हूँ
नमन आपको..नारी जीवन ऐसा ही है..किसी पुरुष द्वारा mention करना सुखद लगता है..उम्मीद भी जागती है ..
ReplyDeleteजी बहुत शुक्रिया
ReplyDeleteवास्तविकता है उसे ही लिखा
बहुत कम उम्र में अपनी जवान विधवा माँ को जूझते व हालात पर काबू पाते देखा
उनके संघर्ष ने मुझ में भी न्याय व प्रेम को अहम समझने में बहुत सहयोग किया
कुछ समाज को लौटाया कर्मों से कुछ लिख कर आशा की ज्योति जलाने को प्रयासरत हूँ