नीलकंठा सी मैं



 

Comments

  1. अति उच्च स्तरीय रचना.…बधाई, अरविंद जी। हर गंगा को कहां मिलते हैं शिव और भगीरथ...कमाल की सोच।

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  2. बहुत आभार आपका

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  3. बिल्कुल सच कहा आपने मित्र..

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  4. जी
    यह विडम्बना औरत की ज़िंदगी की हक़ीक़त है

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